भूखी चिड़िया और बढ़ई की कहानी – Bhukhi Chidiya aur Badhai ki Kahani

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नमस्कार बंधुओं आज हम  आप के साथ साझा कर रहे हैं भूखी चिड़िया और बढ़ई की कहानी  यदि हमारी जिद्द और हमारे हौसले मजबूत हैं  तो सफ़लता हम से दूर नहीं मुश्किलो से लड़ कर हर परिस्थिति से गुजर कर आखिरी दम तक जो खड़ा रहता है वही सफलता का असली हकदार होता है क्या चिड़िया खाना खा पाएगी भूखी तो ना रह जाएगी आइए जानते हैं पूरी कहानी इस आर्टिकल  मैं  ( भूखी चिड़िया और बढ़ईकी कहानी ) story of the hungry bird and the carpenter

Bhukhi Chidiya aur Badhai ki Kahani

भूखी चिड़िया और बढ़ई की कहानी - Bhukhi Chidiya aur Badhai ki Kahani (2)

एक बार किसी जंगल मैं  एक पेड़ के ऊपर एक चिड़िया अपने दो बच्चों के साथ रहा करती थी बच्चे भूख से तड़प रहे थे बच्चों को छोड़ कर चिड़िया भोजन की तलाश में निकल जाति है और घुमते – घुमते वह एक घर की छत पर पहुंचती है जहां पर दाल और चावल  व अन्य अनाज रखा हुआ था,

चिड़िया अपनी चोंच में दाल चावल के कुछ दाने लेकर अपने बच्चों के पास आ रही होती है तभी रास्ते में उसे थकान महसूस होती है और वह आराम करने के लिए एक खुटे पर बैठ जाती है आराम करते करते काफी टाइम हो जाता है और चिड़िया की झपकी लग जाती है,

झपकी लगने से चिड़िया की चोंच में जो दाल चावल के छोटे-छोटे दाने थे वह खूटे के अंदर जा गिरते हैं चिड़ियां देखकर मायूस हो जाति है और सोचने लगती है कि अब मैं इन्हें कैसे निकालूं मेरी चोंच तो इतनी बड़ी भी नहीं कि इसके अंदर चली जाए यदि यह मुझे भोजन ना मिला तो मैं और मेरे बच्चे भूखे ही मर जाएंगे,

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चिड़िया कुछ उपाय खोजती है और उसे कुछ दूरी पर चिड़िया को एक बढ़ई  दिखाई देता है चिड़िया बढ़ई के पास जाती है और बढ़ई से कहती है बड़ाई बड़ाई इस खूंटा को चीर दो  इस में  हमारा भोजन दाल चावल गिर गया है अब हम क्या खाएंगे और क्या पीएंगे और क्या अपने बच्चों के पास लेकर जाएंगे हमारी मदद करो बढ़ाई भाई,

 बढ़ई  कहता है काफी देर सोचने के बाद कि तुम्हारे छोटे से  दानों के लिए मैं  खुटे को चीर नहीं सकता मेरे पास बहुत सारे काम है तुम यहां से जाओ और चिड़िया दुखी मन हो कर वहां से चली जाति है,

भूखी चिड़िया और बढ़ई की कहानी - Bhukhi Chidiya aur Badhai ki Kahani

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कुछ दूरी पर जाने के बाद उसे राजा का महल दिखाई देता है और वह राजा के पास मदद के लिए जाती है और राजा से कहती है महाराज कि आप सब की मदद करते हैं इस बड़ाई को आप  डंडा मारो बढ़ई खूंटा नहीं चीर रहा जिसमे हमारा दाल चावल भोजन गिर गया है अब हम क्या खाएंगे क्या पिएंगे हम तो बिना खाए पीए भूखे ही मर जाएंगे,  

राजा चिड़िया की बात सुनकर जोर जोर से हंसने लगता है और चिड़िया से कहता है कि तुम्हारे कुछ दानों के लिए मैं बढ़ई को नहीं मार सकता तुम भागो यहां से मेरे पास और कुछ काम नहीं होता क्या बस यही करता रहूंगा और चिड़िया राजा के महल से उड़ जाती है,

राजा की बात सुनकर चिड़िया और ज्यादा दुखी हो जाती है और अपनी हिम्मत हारने लगती है फ़िर उसे एक सांप दिखाई देता है और वह सांप के पास जाती है और बोलती है कि सांप भाई आप राजा को  डंस लो राजा ने बढ़ई को डंडा नहीं मारा और बड़ाई ने खूटे को नहीं चीरा,

खूटे में हमारा भोजन गिर गया है हम क्या खाएंगे क्या पिएंगे हम तो भूखे ही मर जाएंगे  और अपने बच्चों के लिए क्या लेकर जाएंगे सांप कहने लगा मुझे अभी कहीं और दावत खाने जाना है मुझे परेशान मत करो और तुम जाओ यहां से चिड़िया बिचारी वहां से भी फुर हो जाती है,

सब तरह से ना सुनने के बाद चिड़िया को गुस्सा आने लगता है और वह लाठी के पास जाती है वह लाठी से कहती है लाठी लाठी आप इस सांप को मार दीजिए इस सांप ने राजा को नहीं डंस राजा ने बढ़ई को डंडा नहीं मारा और बढ़ाई ने खुटे को नहीं चीरा,

उसमें हमारा खाना गिर गया है अब हम क्या खाएंगे क्या पिएंगे और क्या अपने बच्चों के लिए लेकर जाएंगे हम तो यूं ही भूखे मर जाएंगे लाठी ने भी चिड़िया को मना कर दिया और उसे जाने के लिए कह दिया कि मेरे पास समय नहीं है,

चिड़िया आगे बढ़ती है और उसे आग दिखाई देती है और वह आग से अपनी सारी बातें बताती है आग कहती है कि चिड़िया तू पागल हो गई है क्या तेरे छोटे से दाने के लिए मैं लाठी को नहीं जला सकती तुम जाओ यहां से मेरा वक्त मत बर्बाद करो,

चिड़िया बिचारी थक हार कर  नदी किनारे चुपचाप बैठ जाती है और वह सोचने लगती है कि अब बड़ाई कभी भी खूटे को नहीं काटेगा और ना ही मुझे वह भोजन मिल पाएगा और हम यूं ही भूखे मर जाएंगे और वह खूब रोने लगती है,

भूखी चिड़िया और बढ़ई की कहानी - Bhukhi Chidiya aur Badhai ki Kahani

नदी की बहते हुए लहरें चिड़िया के पास आती है और चिड़िया से पूछती हैं कि चिड़िया बहन क्या हुआ है तुम क्यों ऐसे रो रही हो चिड़ियां अपना सारा किस्सा उस नदी को बताती है और नदी को उस चिड़िया पर दया आ जाती है और नदी कहती है कि तुम्हारी मदद में करूंगी कोई करे या ना करे नदी की बात सुनकर चिड़िया खुश हो जाती है,

नदी कहती है चलो बहन शुरुआत कहां से करनी है चिड़िया कहती है कि नदी बहन सबसे पहले तुम आग को बुझा इस आग  ने  डंडा को नहीं  जलाया  है और डंडा  सांप को नहीं मारता है सांप राजा को नहीं काटता है और राजा बढ़ई को आदेश नहीं देता है और बड़े खूटे को नहीं काटता है जिसमे मेरा खाना फंसा है,

किसी को मत छोड़ना आग  नदी को अपनी तरफ आगे बढ़ते हुए देखा तो वह डरने लगी और कहने लगी कि चिड़िया बहन इस नदी को दूर करो वरना यह मुझे बुझा देगी मैं तुम्हारी मदद करने के लिए तैयार हूं मैं लाठी को अभी जला कर आती हूं,

आग डंडे के पास जाती है और डंडा आग को देख कर घबराने लगता है और कहता है कि चिड़िया बहन इस आग को संभाल लो मैं अभी सांप को मार कर आता हूं डंडा जैसे ही सांप को मारने जाता है सांप चिड़िया के हाथ जोड़ने लगता है और उस से माफी मांगने लगता है और कहता है कि तुम इस डंडे को दूर रखो मैं अभी राजा को काट कर आता हूं,

जैसे ही सांप को अपने पास आते हुए देखकर राजा घबराने लगता है और डरने लगता है और चिड़िया से कहता है कि चिड़िया बहन मैं अभी उस बड़ाई की खबर लेता हूं तुम बस इस सांप को मुझसे दूर रखो मुझे  सांप से बड़ा डर लगता है,

राजा ने बढ़ाई को अपने महल में बुलाया और आदेश दिया कि तुम उस खूंटा को काट दो राजा की बात सुनकर बढ़ाई कहता है कि मैं अभी खूंटा को काटता हूं बढ़ाई को अपने पास आता देखकर खूंटा बढ़ाई  से कहता है कि बढ़ाई भाई मुझे मत काटो बस मुझे उलटा कर दो तुम्हारा सारा खाना निकल आएगा,

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भूखी चिड़िया और बढ़ई की कहानी - Bhukhi Chidiya aur Badhai ki Kahani (5)

बढ़ई न खूंटा को उल्टा किया और दाल चावल सब बाहर आ गया चिड़िया अपनी चोंच में अपना खाना लेकर अपने बच्चों के पास वापस चली जाती है और बड़े प्यार से उस भोजन को खाती है

सीख ( भूखी चिड़िया और बढ़ई  की कहानी ) 

लाख मुश्किलें क्यों ना आ जाए  मुश्किलों से जो लड़ लेता है वही सफलता के झंडे गाड़ देता है परिस्थिति कितनी ही खराब क्यों ना हो हमें परिस्थिति से कभी भागना नहीं चाहिए हमें आखिरी दम तक लड़ते रहना चाहिए

Moral Stories in Hindi

आपने हमने बचपन में कई सारी नैतिक कहानियां सुनी और पड़ी है  इस कैटेगरी में हम आपको बहुत सारी नैतिक कहानियों से रूबरू कराएंगे जिन्हें पढ़कर आप को अच्छी सीख मिलेगी यह moral stories in hindi ( नैतिक कहानियां ) आप छोटे बच्चों को सुना सकते हैं जिससे बच्चे अच्छी बातें तो सीखेंगे ही साथ में उन्हें शिक्षा भी मिलेगी,

एक विशेष तौर पर देखा जाए तो नैतिक कहानियां ऐसी कहानियां होती है जिनमें नैतिकता के साथ-साथ उनके पीछे जो शक्ति होती है जो पावरफुल मैसेज छुपा होता है वह इंसान को पूरी तरह से बदल कर रख देता है और यह नैतिक कहानियां इंसान को बेहतर इंसान कैसे बनना सिखाती है

नैतिक कहानिया इंसान को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है आप को एक बार इसे वापस याद करने की बस जरूरत है  क्या आप वापस तैयार है बच्चे बनने के लिए नैतिक कहानियां पढ़ने के लिए तो आपका बाहें फैला कर स्वागत है हमारे चैनल पर www.ganeshkushwah.comभूलेगा नहीं साला,,,

Conclusion – निष्कर्ष

 दोस्तो हम आशा करते हैं कि आप को हमारी यह कहानी भूखी चिड़िया और बढ़ई  की कहानी  काफी पसंद आई होगी यदि आपको पसंद आती है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ सांझा जरूर करें ताकि वे लोग भी इस कहानी से कुछ शिक्षा ग्रहण कर सकें story of the hungry bird and the carpenter

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राधे कृष्णा

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