मिथ्या अभिमान पर एक शानदार कहानी | Mithya Abhiman Story In Hindi

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नमस्कार बंधुओं आज इस आर्टिकल में हम मिथ्या अभिमान पर एक शानदार कहानी  Mithya Abhiman Story In Hindi आपके लिए लेकर आए हैं   यह हमें प्रेरणा देती है  कि हमें जीवन में कभी भी अभिमान नहीं करना चाहिए क्या राजा अपने मंत्री को   मिथ्या अभिमान का पाठ पढ़ाने में सफल हो पायेगा जानने के लिए पढ़िए पुरा आर्टिकल हमारा मिथ्या अभिमान पर एक ख़ूबसूरत कहानी,

मिथ्या अभिमान पर एक शानदार कहानी | Mithya Abhiman Story In Hindi

मिथ्या अभिमान पर कहानी Mithya Abhiman Story Hindi

एक नगर में एक राजा रहा करता था इस राजा ने अपने जीवन में कभी भी कोई भी युद्ध नहीं हारा जब यह राजा युद्ध के मैदान में होता है तो राजा को देखकर अच्छे अच्छों के पसीने छूट जाया करते थे आसपास के जितने भी राज्य के राजा ए होते थे वे सभी इस राजा का सम्मान करते थे, ( मिथ्या अभिमान पर कहानी )

जब यह राजा युद्ध लड़ता था तो सभी लोग हैरान हो जाते थे इस राजा को युद्ध लड़ते देख क्यों-कि इस राजा का युद्ध लड़ने का स्टाइल ही कुछ अलग था यह राजा अपने दिमाग का इस्तेमाल करके युद्ध को जीत लेता था और यही इस राजा की सबसे बड़ी खासियत थी,

एक बार राजा युद्ध लड़ कर अपने सैनिकों के साथ अपने महल लौट रहा था तभी उसे रास्ते में एक साधू मिलता है उस साधु को देखकर राजा रुक जाता है और साधू के चरण स्पर्श करता है और उन से आशीर्वाद लेता है साधु भी राजा को पूरे दिल से सदा विजय भव का आशीर्वाद देते हैं, ( Mithya Abhiman Story Hindi ) 

यह सब नजारा देख कर राजा के साथ के कुछ मंत्रियों को अच्छा नहीं लगता है कि उन्होंने एक साधारण से साधु के सामने अपना सर झुकाया जब राजा अपने कक्ष में होता है तब वह मंत्री राजा के पास आता है और राजा से कहता है कि महाराज आप तो इतने बड़े विजेता हैं,

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सभी दूर-दूर के राज्य के राजा ए महाराजा आपके सामने सर झुकाते हैं फिर आपने क्यों उन साधु के सामने अपना सर झुकाया आपको तो अपना सर गर्व से ऊंचा रखना चाहिए  आपका यू साधु के सामने सर झुका ना मुझे कुछ ठीक नहीं लगता,

राजा मंत्री की बात सुन कर थोड़ा सा मुस्कुराते हैं पर वह कुछ कहते नहीं और मंत्री को अगले दिन सुबह अपने कक्ष में आने के लिए निमंत्रण देते हैं  जब मंत्री  सुबह राजा के कक्ष में आता है तब राजा मंत्री के हाथ में एक बेग थमा देता है  और कहता है कि जाओ इसे बाजार में बेच कर आना,

पर हां एक शर्ते है  बाजार जाते वक्त रास्ते में इस बैग को खोल कर मत देखना कि इसमें क्या है  मंत्री चुपचाप बैग लेकर बाजार चला जाता है और  महाराज की आज्ञा का पालन करता है जब वह बेचने के लिए उस बेक को को खोलता है तो मंत्री बड़ा चौकन्ना रह जाता है, 

उस में 4 अलग-अलग जानवरों के सर और एक इंसान का सर होता है  बकरे का सर, मछली का सर, मुर्गे का सर, एक तीतर का सर, और एक इंसान का सर उस बैग में रखा होता है यह देखकर मंत्री बड़ा बेचैन और घबरा जाता है कि राजा ने मुझे यह सब क्यों थमा दिया,

थोड़ी देर सोचने के बाद मंत्री  मन में कहता है कि मुझे महाराज का हुकूम मिला है मुझे वह निभाना होगा वह इंसान के सर को छोड़ कर चारों सर बेच आता है पर इंसान का सर खरीदने वाला उस पूरे मार्केट में कोई नहीं मिलता है, ( मिथ्या अभिमान पर कहानी) 

मंत्री व थैला लेकर वापस अपने महाराज के कक्ष में आता है और महाराज से कहता है कि मैंने चारों सर बेच दिए पर इंसान के सर को खरीदने वाला पूरे बाजार में कोई नहीं मिला, 

राजा मंत्री की बात सुन कर कहता है कि कोई बात नहीं आप ने प्रयास किया वही काफी है आप अगले दिन इस को लेकर वापस बाजार जाइए अब इसे बिना पैसों के बेच कर आना,

अगले दिन वह मंत्री फिर बाजार जाता है और उस सर को बेचने के लिए पूरा मार्केट घूम आता है पर उस सर को फ्री में लेने वाला भी कोई नहीं मिलता वह शाम को फिर अपने राजा के पास जाता है और कहता है कि महाराज इस सर को तो फ्री में लेने वाला भी कोई नहीं है,

 राजा ने मंत्री को समझाया और कहा कि यदि मैं मर भी गया तो क्या मेरा सर किसी काम का रहेगा यदि अगर मैं तुमसे कहूं कि तुम मेरे मरने के बाद मेरे सर को रख लेना तो क्या तुम उस को रख पाओगे राजा की यह बात सुनकर मंत्री पूरा किस्सा समझ जाता है,

मंत्री कुछ कह नहीं पाता और अपना सर राजा के सामने झुका कर खड़ा हो जाता है तब राजा उसे कहता है कि जिस सर  को फ्री में भी कोई अपने पास रखने को तैयार नहीं है यदि मैंने किसी को सम्मान देकर अपना सर उसके कदमों में झुका दिया,

तो मैंने क्या गलत किया किसी का आशीर्वाद लेने के लिए यदि सर झुकाना पड़ता है तो अपना सर झुकाने में हर्ज क्या है मैं क्यों इस सर पर मिथ्या का अभिमान करूं जो मेरे  मरने के बाद किसी काम का नहीं रह जाएगा रह जाएंगे तो बस मेरे कर्म,

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सीख ( Moral- Mithya Abhiman Story Hindi )

दोस्तों मिथ्या का अभिमान करना एकदम बेकार है कोई काम का नहीं है जितना इंसान विनम्रता के साथ अपना सर झुकाए चलता है उतना ही ऊपर बढ़ता चलता है और जो इंसान अपने ऊपर अभिमान करता है उस का अभिमान तो एक न एक दिन टूट ही जाता है, ( मिथ्या अभिमान पर कहानी ) 

 Moral Stories in Hindi

आपने हमने बचपन में कई सारी नैतिक कहानियां सुनी और पड़ी है  इस कैटेगरी में हम आपको बहुत सारी नैतिक कहानियों से रूबरू कराएंगे जिन्हें पढ़कर आप को अच्छी सीख मिलेगी यह moral stories in hindi ( नैतिक कहानियां ) आप छोटे बच्चों को सुना सकते हैं जिससे बच्चे अच्छी बातें तो सीखेंगे ही साथ में उन्हें शिक्षा भी मिलेगी,

एक विशेष तौर पर देखा जाए तो नैतिक कहानियां ऐसी कहानियां होती है जिनमें नैतिकता के साथ-साथ उनके पीछे जो शक्ति होती है जो पावरफुल मैसेज छुपा होता है वह इंसान को पूरी तरह से बदल कर रख देता है और यह नैतिक कहानियां इंसान को बेहतर इंसान कैसे बनना सिखाती है

नैतिक कहानिया इंसान को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है आप को एक बार इसे वापस याद करने की बस जरूरत है  क्या आप वापस तैयार है बच्चे बनने के लिए नैतिक कहानियां पढ़ने के लिए तो आपका बाहें फैला कर स्वागत है हमारे चैनल पर www.ganeshkushwah.com भूलेगा नहीं साला,,,

 

Conclusion – निष्कर्ष

 दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह कहानी Mithya Abhiman Story मिथ्या अभिमान पर एक शानदार कहानी  काफी पसंद आई होगी यदि आपको पसंद आती है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर सांझा करें ताकि वह लोग भी इस कहानी से कुछ शिक्षा ग्रहण कर सकें,

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 अपना कीमती समय हमें देने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद 

 

राधे कृष्णा

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