श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नमस्कार बंधु आज हम आपके लिए लेकर आए हैं A Just Judge Leo Tolstoy Story In Hindi समझदार जज लियो टॉलस्टॉय की कहानी इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं एक ऐसे जज की कहानी जो अपने वकालत के निर्णय सुनाने में काफी माहिर है,
वह कहावत तो सुनी होगी ना अपने कि दूध का दूध और पानी का पानी कैसे किया जाता है वहीं हाल इन जज साहब का है यह अपने फैसले कुछ इस तरह ही सुनाते हैं इन जज की परीक्षा लेने के लिए एक राजा भी उन की वकालत में जाता है क्या राजा जज की परीक्षा ले पाएगा अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पूरा आर्टिकल हमारा , ( Samajhdar Judge Leo Tolstoy Story In Hindi )
समझदार जज लियो टॉलस्टाय की कहानी
कई साल पहले की बात है अफ्रीका शहर में हजारी अल्जीरिया नाम का एक छोटा सा शहर था जहां पर बाईकर नाम का एक राजा राज्य करता था और उसी शहर में एक बहुत ही पढ़ा-लिखा समझदार जच रहा करता था,
इस जज के निर्णय लेने के चर्चे काफी मशहूर थे राजा को लगा कि मुझे एक बार इस जज की परीक्षा लेनी चाहिए राजा जज की परीक्षा लेने के लिए खुद को पूरी तरह से तैयार करता है,
राजा अपने घोड़े पर सवार होकर जज के नगर की ओर बढ़ा आगे चलते ही जब राजा नगर में घुसा तो उसे वहां पर एक अपाहिज भिखारी आदमी लेटा हुआ मिला भिखारी ने राजा को देखकर राजा को रुकने का संदेश दिया और राजा भिखारी की बात सुनकर रुक जाता है,
भिखारी ने राजा से कहा कि आप मेरी मदद करो मुझे आगे चौराहे तक छोड़ दो मैं चलने में असमर्थ हूं इसलिए राजा दयालु टाइप का था उसने भिखारी को अपने घोड़े पर बिठा लिया,
चौराहा पर पहुंचने के बाद राजा ने बड़ी नर्मदा के साथ भिखारी से कहा कि आपकी मंजिल आ गई है अब आप मेरे घोड़े से उतर जाइए वह भिखारी अपनी नियत खराब करते हुए राजा से ही बदतमीजी करता है और कहता है कि यह घोड़ा तो मेरा है भाई तू उतर इस घोड़े से ( उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ) ,
Read also > मूर्ख गधा बाघ शेर और घास की कहानी
राजा उसे समझा रहा था कि भाई यह तेरा घोड़ा नहीं है मेरा घोड़ा है मैंने तुम्हारी मदद करने के लिए तुम्हें इस घोड़े पर बिठाया था उल्टा तुम मुझसे ही बदतमीजी कर रहे हो भिखारी की नियत खराब हो जाती है और राजा से उल्टा झगड़ने लगता है ,
यह सारा मामला देखकर वहां पर भीड़ इकट्ठी हो जाती है बहस बढ़ने लगती है तो वहां के लोग कहते हैं कि भाई जो भी आपका आपसी मामला है आप एक काम करिए अगले ही नगर में जज साहब रहते हैं वह फैसला तुरंत करके बता देंगे कि यह घोड़ा किसका है आप उनके पास जाइए,
दोनों जन साथ की वकालत में पहुंचते हैं वकालत में काफी भीड़ होने के कारण दोनों को इंतजार करना पड़ता है अपना नंबर आने के लिए जज साहब एक-एक करके सब को बुलाए जा रहे थे उन्होंने सबसे पहले एक लेखक को और एक गरीब किसान को अंदर बुलाया ,
इन दोनों के साथ में एक महिला भी थी लेखक कह रहा था कि यह महिला मेरी पत्नी है और इधर गरीब किसान कह रहा था कि जज साहब यह तो मेरी पत्नी है यह लेखक सरासर झूठ बोल रहा है,
जज साहब ने दोनों की बातों को अच्छे से समझा और समझने के बाद में उन्होंने 1 दिन का वक्त दिया और कहा कि कल तुम दोनों आना और फिर मैं बताऊंगा कौन सही है कौन गलत उन्होंने उस महिला को वहीं रुकने के लिए कह दिया,
दोनों के जाने के बाद जज साहब ने दो और लोगों को अंदर बुलाया जिसमें से एक कसाई था और दूसरा तेली था कसाई के कपड़ों पर खून के काफी मात्रा में खून के छींटे थे और तेली की कपड़ों पर जगह-जगह तेल के निशान धब्बे बने हुए थे और कसाई के हाथ में एक बड़ा सा पैसों का बैग था,
कसाई अपने हक के लिए लड़ रहा था और कह रहा था कि जज साहब यह पैसों का बैग तो मेरा है यह तेली सरासर झूठ बोल रहा है और तेली कह रहा था कि नहीं जज साहब यह बैग मेरा है यह कसाई झूठ बोल रहा है,
दोनों की बातों को जज साहब ने अच्छे से समझा फिर उन्होंने फैसला दिया जज साहब ने कहा कि आप एक काम करो यह पैसे का बैग यही छोड़कर जाओ कल आना जब मैं तुम्हें बताऊंगा कि यह बैग किसका है,
अगला ही नंबर उस भिखारी और राजा का था जज ने दोनों को कटघरे में खड़ा किया और दोनों से सवाल पूछना शुरू किए राजा ने अपनी पूरी आपबीती बताई कि कैसे उसने भिखारी की मदद की जज साहब ने राजा से कहा कि एक काम करो तुम इस घोड़े को यहीं छोड़ कर जाओ तुम भी कल आना जब मैं तुम्हें बताऊंगा कि यह घोड़ा किसका है,
अगले ही दिन वकालत लगी जज साहब ने सबसे पहले वही लेखक और किसानों को बुलाया कटघरे में जज साहब ने अपना निर्णय दिया और कहा कि यह जो महिला है यह लेखक की पत्नी है यह गरीब किसान जो बन रहा है यह सरासर झूठा है और किसान को 50 कोड़े लगाने का हुक्म भी दिया लेखक से कहा कि आप अपनी पत्नी को ले जा सकते हैं, ( समझदार जज लियो टॉलस्टाय की कहानी )
उसके बाद जज साहब ने कसाई और तेली को बुलाया और कहा कि यह तो पैसे का बैग है यह कसाई का है इस तेली को भी 50 कोड़े लगाने का हुक्म है , ( A Just Judge Leo Tolstoy Story )
आखरी में राजा और भिखारी का नंबर आया तो राजा को लेकर जज साहब घोड़े के अस्तबल जाते हैं और कहते हैं कि आप अपने घोड़े को पहचानिए राजा सारे घोड़े को देखता है और फिर आखिर में अपने घोड़े को पहचान लेता है ,
उसके बाद जज साहब उस भिखारी को लेकर जाते हैं और कहते हैं कि घोड़े को पहचानिए किस्मत से भिखारी भी घोड़े को पहचान लेता है दोनों की बारीकी से जांच करने के बाद जज साहब दोनों को कटघरे में खड़ा करते हैं और राजा से कहते हैं कि आप अपने घोड़े को ले जा सकते हैं यह घोड़ा आपका है इस भिखारी को 50 कूड़े मारने का हुक्म है,
फैसला सुनने के बाद राजा जज साहब से बड़ा प्रभावित हुआ और कोर्ट कचहरी खत्म होने के बाद राजा जज साहब का इंतजार करने लगता है और उनसे मिलने के लिए बेकरार होता है जैसे ही जज साहब बाहर आते हैं,
तब राजा उनसे कहता है कि जज साहब मैं आपकी प्रतिभा से बड़ा प्रभावित हुआ हूं आप मुझे बताइए कि आप इतनी जल्दी और सही निर्णय कैसे ले लेते हैं तब जज साहब ने राजा को समझाया कि जब मैं सुबह कचहरी पहुंचा तो मैंने उस महिला से दवाद से पेन में स्याही भरने को कहा तो उस महिला ने बिना समय बर्बाद किए उस पेन में स्याही को बड़ी आसानी से भर दिया और मुझे समझ आ गया कि यह उस लेखक की पत्नी है, ( समझदार जज लियो टॉलस्टाय की कहानी )
Read also > एक राजा और काना घोड़ा की कहानी
रात को जब मैं पैसों का बैग लेकर घर पहुंचा तब मैंने सारे पैसे निकाल कर एक बड़े से पानी के बर्तन में सारे पैसे डाल दिए जब मैं सुबह उठा तब मैंने देखा पानी की सतह पर तेल नहीं तैर रहा था तब मैं समझ गया यह तेली झूठ बोल रहा है यह पैसों का बैग तो कसाई का है,
अब घोड़ा किसका है इसको समझने में थोड़ी सी समस्या आ रही थी राजा तुरंत एक्साइटेड होकर बोलता है फिर आपने कैसे फैसला लिया जज साहब ने कहा कि जब मैं आप दोनों को लेकर अस्तबल में पहुंचा घोड़े को पहचानने के लिए तो मेरा इरादा यह नहीं था कि आप दोनों घोड़ों को पहचाने मेरा इरादा तो यह था कि घोड़ा आप दोनों में से किस को पहचानता है,
जब आप घोड़े के पास पहुंचे तो घोड़ा खुशी से आप की ओर आगे बढ़ा और वहीं दूसरी ओर जब में भिखारी को लेकर के घोड़े के पास पहुंचा तो घोड़े ने अपना उल्टा पैर उठा लिया तो मैं समझ गया कि यह भिखारी झूठ बोल रहा है और यह घोड़ा आप का है और आप ही इस घोड़े के असली मालिक है
जज साहब की प्रतिभा को देखकर राजा बड़ा ही प्रभावित हुआ और उसने जज साहब को कुछ इनाम देना चाहा पर जज साहब ने बड़ी विनम्रता के साथ उस इनाम को लेने से मना कर दिया और कहा कि यह तो मेरा कर्तव्य है मैं अपने कर्तव्य को बखूबी निभाना जानता हूं और मैं इसी तरह से मरते दम तक अपना कर्तव्य निभाऊंगा
सीख ( Moral – A Just Judge Leo Tolstoy Story )
दोस्तों हर काम को अपनी पूरी इमानदारी पूरी निष्ठा कर्तव्य के साथ में यदि आप काम करेंगे तो एक दिन आप का भी नाम होगा यह दुनिया आपको भी याद करेगी याद रखें सफलता पाने का कोई शॉर्टकट तरीका नहीं होता समझदार जज लियो टॉलस्टाय की कहानी
Moral Stories in Hindi
आपने हमने बचपन में कई सारी नैतिक कहानियां सुनी और पड़ी है इस कैटेगरी में हम आपको बहुत सारी नैतिक कहानियों से रूबरू कराएंगे जिन्हें पढ़कर आप को अच्छी सीख मिलेगी यह moral stories in hindi ( नैतिक कहानियां ) आप छोटे बच्चों को सुना सकते हैं जिससे बच्चे अच्छी बातें तो सीखेंगे ही साथ में उन्हें शिक्षा भी मिलेगी,
एक विशेष तौर पर देखा जाए तो नैतिक कहानियां ऐसी कहानियां होती है जिनमें नैतिकता के साथ-साथ उनके पीछे जो शक्ति होती है जो पावरफुल मैसेज छुपा होता है वह इंसान को पूरी तरह से बदल कर रख देता है और यह नैतिक कहानियां इंसान को बेहतर इंसान कैसे बनना सिखाती है
नैतिक कहानिया इंसान को मानसिक रूप से मजबूत बनाती है आप को एक बार इसे वापस याद करने की बस जरूरत है क्या आप वापस तैयार है बच्चे बनने के लिए नैतिक कहानियां पढ़ने के लिए तो आपका बाहें फैला कर स्वागत है हमारे चैनल पर www.ganeshkushwah.com भूलेगा नहीं साला,,,
Conclusion – निष्कर्ष
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल समझदार जज लियो टॉलस्टाय की कहानी काफी पसंद आया होगा यदि आपको हमारा आर्टिकल पसंद आता है तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर सांझा करें ताकि वे लोग भी इस आर्टिकल के माध्यम से कुछ शिक्षा ग्रहण कर सकें
ऐसी ही नई-नई प्रेरणादायक मोरल स्टोरी नैतिक शिक्षा का ज्ञान बटोरने के लिए हमारे वेबसाइट www.ganeshkushwah.com को सब्सक्राइब करना ना भूले ताकि आपको हमारे नए नए इंस्पायर मोरल स्टोरी की नोटिफिकेशन आप लोगो को समय समय पर मिलती रहे और आप उसका भरपूर लाभ उठाएं |
अपना कीमती समय हमें देने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद
राधे कृष्णा