श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नमस्कार बंधुओं आज कि हमारी कहानी है कबूतर और मधुमक्खी की कहानी The Dove And The Bee Story In Hindi यह कहानी हमें एक प्रेरणा देगी अपने वादे को कैसे निभाना है बुरे वक़्त में हमें काम आना है दोस्ती को समझना है इस आर्टिकल के माध्यम से हम आप के साथ साझा कर रहे हैं कबूतर और मधुमक्खी की एक बेहतरीन खूबसूरत कहानी अधिक जानकारी के लिए पढ़िए पूरा आर्टिकल हमारा ,( कबूतर और मधुमक्खी की कहानी )
कबूतर और एक मधुमक्खी की कहानी
दोस्तो एक समय की बात है एक ख़ूबसूरत जंगल में एक नदी किनारे एक कबूतर पेड़ की डाल पर रहा करता था उसके आस-पास का वातावरण बहुत ही ख़ूबसूरत था हरे भरे फूल थे खेत खलिहान बहता हुआ नदी का साफ़ पानी पक्षियों की चहकती हुई आवाजें आदि वह देखने में काफी खूबसूरत नजारा था,
वहीं पर एक छोटी सी नन्ही सी प्यारी सी मधुमक्खी घुमने के लिए निकलती है जैसे ही वह नदी के पास पहुंचती है उसके पंख डगमगा जाते हैं और वह नदी में जाकर गिर जाती है मधुमक्खी विचारी लाख कोशिश करती है पर वह फिर भी नदी से बाहर नहीं आ पाती है क्योंकि उसके पंख गिले हो चुके थे,
पेड़ पर बैठा वह कबुतर सारा नजारा अपनी आंखों से देख रहा था उसे लगा कि अब शायद इस मधुमक्खी को मेरी ज़रूरत है क्यों कि यदि मैं ने इस की मदद नहीं की तो यह मर जाएगी कबूतर दिमाग लगाता है कि मैं इसे बाहर कैसे निकालूं,
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तभी उसे पेड़ पर एक पत्ता नजर आता है और वह उसे ले कर मधुमक्खी के पास जाता है और मधुमक्खी से कहता है कि तुम इसके ऊपर आ जाओ इस से तुम्हारी जान आराम से बच जाएगी मधुमक्खी कबूतर की बात मान लेती है और उस पत्ते पर बैठ जाती है,
पते पर बैठकर मधुमक्खी किनारे आ जाती है और अपनी जान बचा लेती है कबूतर के अंदर उस मधुमक्खी को लेकर एक दया का भाव उत्पन्न हुआ और उसने मधुमक्खी की जान बचा ली मधुमक्खी सोचती है कि कबूतर को मुझे धन्यवाद कहना चाहिए,
तब तक वह कबूतर को धन्यवाद कहती तब तक कबूतर वहां से जा चुका था फिर मधुमक्खी कहती है एक दिन मैं इस कबूतर एहसान जरूर चुकाऊंगी मैं भी उसके काम जरूर आऊंगी क्योंकि आज उसी की बदौलत मेरी जान बच पाई है,
कुछ वक्त बीतने के बाद एक वक्त ऐसा आता है जब कबूतर जंगल में घूमने के लिए निकलता है वह सारा नजारा देखकर आनंद उठाता है और बहुत खुश होता है और खुश हो और कर वह एक पेड़ की डाल पर थोड़ी देर के लिए आराम करने के लिए बैठ जाता है,
किस्मत से वह मधुमक्खी भी उसी के सामने होती है और उसकी नजर एक लड़के पर पड़ती है जो एक पत्थर से उस कबूतर पर निशाना साथ ने जा रहा था मधुमक्खी बिना वक्त गवाए उस लड़के के मुंह को नोच लेती है और वह लड़का वहां से भाग जाता है,
कबूतर इस बात से अनजान था पर जैसे ही मधुमक्खी ने उस लड़के का मुंह नौचते हुए देखकर वह कबूतर उड़ कर उस मधुमक्खी के पास गया तब मधुमक्खी ने सारा किस्सा उसे सुनाया उसे सारा माजरा समझ में आया कि यह जो सारा खेल खेला जा रहा था वह मेरे लिए था,
इस तरह से मधुमक्खी ने अपनी दोस्ती का फरमान जारी किया इस बात से कबूतर बेहद खुश हुआ और वह मधुमक्खी को धन्यवाद कहने उसके पास आया मधुमक्खी ने कहा उस दिन तुमने मेरी जान बचा कर मुझ पर एहसान किया था आज मैंने तुम्हारी जान बचा ली हिसाब बराबर
मधुमक्खी ने अपनी दोस्ती का वादा तो निभाया साथ ही साथ वह दोनों जंगल के सबसे अच्छे दोस्त बन गए फिर वह दोनों वहां से आसमान की ओर चले अपने जीवन का आनंद लेने
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सीख ( कबूतर और एक मधुमक्खी की कहानी– Moral )
इसीलिए कहते हैं दोस्तों सभी की मदद करते चलो और दूसरों की मदद करने के लिए हमेशा तत्पर तैयार रहना क्या पता कल को आपका भी बुरा दिन ना आ जाए क्योंकि वक्त पलटते देर नहीं लगती आज आप किसी की मदद करोगे तभी तो आगे से आपको भी कल मदद मिलेगी
Conclusion – निष्कर्ष
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आप लोगों को हमारी यह कहानी The Dove And The Bee Story In Hindi जरूर पसंद आई होगी यदि आपको हमारी यह कहानी पसंद आती है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करना ना भूले ताकि वे लोग भी इस कहानी से कुछ सीख ले सकें और अपने इरादों को नेक बना सके
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अपना कीमती समय हमें देने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद
राधे कृष्णा