श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नमस्कार मित्रों को इस आर्टिकल के माध्यम से जिराफ और शेर की कहानी The Lion And The Giraffe Story In Hindi शेर और जिराफ की कहानी इस पोस्ट के माध्यम से आपके साथ साझा कर रहे हैं इस कहानी में आपको बताया जाएगा कि कभी भी अपने ऊपर घमंड नहीं करना चाहिए घमंडी जिराफ का घमंड कैसे टूटा और उसका अंत किस तरह से हुआ जानने के लिए पढ़िए पूरा आर्टिकल हमारा जिराफ और शेर की कहानी
The Lion And The Giraffe Story In Hindi
एक जंगल में घमंडी जिराफ रहा करता था जब भी वह घास चरते जानवरों को देखता तो वह उन पर हंसता था क्योंकि जिराफ की गर्दन लंबी थी और वह सबसे बड़ा भी था और वह बड़ी आसानी से बड़े बड़े पेड़ों के हरे हरे पत्ते आसानी से खा लिया करता था
उसे अपनी हाइट और अपनी लंबी गर्दन होने का बड़ा घमंड था उस पर बहुत गर्व महसूस करता था और अपने से छोटे जानवरों को वह मामूली सा कीड़ा समझता था और उनसे ठीक तरह से बात तक नहीं करता था उन्हें ठीक तरह से जवाब तक नहीं देता था इतना घमंड था इस घमंडी जिराफ के अंदर
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एक दिन जिराफ एक पेड़ के हरे पत्ते बड़े आराम से खा रहा था और वहीं जंगल में तीन-चार भेंसे भोजन की तलाश में घूम रहे थे उन्होंने दूर से ही जिराफ को हरे हरे पत्ते खाते हुए देखा तो उनका भी मन हुआ उस ऊंचे पेड़ के हरे पत्ते खाने का और उन्होंने सोचा कि चलो क्यों ना हम भी जिराफ के पास चलते हैं ( शेर और घमंडी जिराफ की कहानी )
और उनसे मदद लेते हैं कि भाई थोड़े हरे पत्ते हमें भी खिला दो मैं हमें भी थोड़ा स्वाद करा दो हम भी चख ले कि कैसा लगता है यह हरे हरे पत्ते खाना फिर वे सभी जिराफ के पास गए और बड़े आदर्श से उन्होंने कहा कि जिराफ भाई हमें भी थोड़े हरे पत्ते खिला दीजिए हमें भी बड़ी जोरों की भूख लग रही है
उस घमंडी जिराफ ने उन सभी भैंसों को दुत्कार कर बोला और उन पर चिल गया और कहने लगा कि मैं क्या तुम्हारा नौकर बैठा हूं जो मैं तुम सभी को यह तोड़ तोड़ कर खिलाऊंगा तुम्हें खाना है तो तुम खुद उस पेड़ पर चढ़ो और तोड़ो और खाओ मैं किसी को कुछ नहीं देने वाला तुम्हें खाना हो तो तुम्हें खुद तोड़ना होगा अब दोबारा मुझसे कभी मत कहना
उन सभी भैंसों को जिराफ की यह बात बिल्कुल भी अच्छी नहीं लगी और उन्हें थोड़ा बुरा लगा और फिर उन्होंने कहा कि जिराफ भाई हमने तो तुमसे बड़े प्यार से निवेदन किया था कि तुम हमें हरे पत्ते तोड़कर खिला दो और वैसे भी हम इस जंगल में सभी भाई लोग हैं हम सभी को मिलजुल करके एक साथ रहना चाहिए
एक दूसरे की मदद करना चाहिए हमने तो तुमसे इसलिए कहा था क्योंकि तुम्हारी गर्दन लंबी है तुम बड़ी आसानी से उन हरे पत्तों को तोड़ कर हमें दे सकते थे अगर हमें पेड़ पर चढ़ना आता या फिर तुम्हारी तरह हमारी भी गर्दन लंबी होती तो क्या हम कभी तुम से मदद की गुहार करते जिराफ भाई तुम्हें अपनी गर्दन पर इतना घमंड नहीं करना चाहिए वक्त सभी का आता है
भैंसों की इतनी बात सुनकर जिराफ़ तिलमिला गया उसे अपनी गलती का एहसास नहीं था बल्कि वह तो उल्टा भैंसों पर ही भिनक गया और कहने लगा कि तुम ज्यादा ज्ञान मत दो मुझे कि क्या करना है
अगर मैं तुम सभी लोगों को यह हरे पत्ते खिलाने लग जाऊंगा तो तुम रोज-रोज मेरे पास आओगे इस तरह से तो सारे जंगल के पत्ते खत्म हो जाएंगे तो मैं क्या खाऊंगा भला हां तुम्हें खाना है तो तुम खुद तोड़ो मुझसे मत कहो इतना कहकर वह जाने लगा ( शेर और घमंडी जिराफ की कहानी )
और फिर वे सभी भैंसे उस जंगल की निचे की सूखी सुखाई घास खाने लगे क्योंकि जंगल की हरी घास से कम हो रही थी और जो हरे पत्ते थे वह सिर्फ पेड़ पर ही लग रहे थे
उसके अगले ही दिन दो शेर आपस में बात कर रहे थे कि यार बहुत दिन हो गए हमने कोई बड़ा और लंबा शिकार नहीं किया जिससे हम अपनी भूख लंबे दिन के लिए मिटा सके कोई ऐसा हमें जानवर मिल जाए जिसका शिकार करके हम अपना बड़ी आसानी से पेट भर सके और लंबे टाइम तक हमें फिर कोई शिकार ना करना पड़े ऐसा कोई हमें अच्छा शिकार ढूंढना होगा हट्टा कट्टा
और वह दोनों शेर जंगल में निकल पड़ते हैं अपना शिकार ढूंढने के के लिए दूसरे शेर की नजर जिराफ पर पड़ती है जिराफ दिखता है जो पेड़ की पत्तियां खा रहा होता है दोनों शेर आपस में बात करते हैं कि हमें इसे अपना शिकार बनाना होगा इसे तो खाने में बड़ा मजा आएगा इसे खाना ही होगा इसे जाने नहीं देना है और वह दोनों उस जिराफ को खाने के लिए आगे बढ़ते हैं
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वहीं पास में ही वह सारे भैंसे घास खा रहे होते हैं और वह सभी शेर को देख कर एक गुफा में छुप जाते हैं शेर जिराफ के पास आते हैं तो जिराफ घबराने लगता है और घबराकर उस गुफा में घुसने की कोशिश करता है पर घुस नहीं पाता है क्योंकि उसकी गर्दन लंबी है और वह भी लंबा है
शेर से अपनी जान बचाने की भीख मांगने लगता है और कहता है कि शेर भाई तुम मुझे छोड़ दो तुम मुझे मत खाओ तुम कहो तो मैं तुम्हें पेड़ के सारे हरे पत्ते तोड़कर दे देता हूं तुम जितने कहोगे मैं उतने देने को तैयार हूं
फिर वह देख दोनों शेर खूब जोर-जोर से हंसते हैं और कहते हैं कि अरे ओ मूर्ख जिराफ तुझे क्या लगता है कि हम यह हरी हरी पत्तियां खाने के लिए आए हैं हम तो सिर्फ मास खाते हैं हम मांसाहारी हैं
और हम तो सिर्फ तुझे ही खाएंगे क्योंकि बाकी के जानवर तो सब सुख रहे हैं और सब अपने घर में घुसे हैं और यहां पर तो हमें बस तू ही नजर आ रहा है जो अट्ठा कट्टा नजर आता है हम तो बस तुझे ही खाने आए हैं शेर की बातें सुनकर जिराफ घबरा जाता है और वह डरने लगता है
अंदर छुपे हुए सभी भैंसे आपस में बात कर रहे थे कि देखो अब इस घमंडी जिराफ को कैसे अब फड़फड़ा रहा है अपनी मौत की भीख मांग रहा है यहां हमने जब इससे हरे पत्ते मांगे थे तो कैसे देने में नाटक कर रहा था आज जब इसकी मौत सर पर खड़ी है तो अपने रंग बदल रहा है The Lion And The Giraffe Story In Hindi
शेर को सारे हरे पत्ते तोड़ कर देने को तैयार हो रहा है इसे तो शेर का शिकार बनना ही चाहिए हम इसकी रक्षा नहीं करेंगे कोई भी उसे बचाने नहीं जाएगा पर उसमें से एक भैंसा कहता है कि नहीं भाई हमें इसकी जान बचानी चाहिए
क्योंकि हम सब मिलकर साथ रहते हैं हम सब आपस में दोस्त हैं हम सब इस की तरह तो नहीं बन सकते और वे सभी उस भैंसे की बात मान लेते हैं और गुफा से बाहर निकलते हैं और शेर से लड़ने के लिए तैयार हो जाते हैं ( शेर और घमंडी जिराफ की कहानी )
शेरों को ललकार कर कहते हैं कि अगर तुम्हें इसे मारना है तो हम सभी से तुम्हें लड़ना होगा क्योंकि हम सब आपस में दोस्त हैं और उन सभी ताकतवर भैंसों को देख कर वह दोनों शेर डरने लगते हैं और वहां से अपनी जान बचाकर भागने लगते हैं
और यह सब नजारा देखकर उस जिराफ का घमंड चकनाचूर हो गया और वह अपने किए पर शर्मिंदगी महसूस करने लगा और वह उन सभी भैंसों से माफी मांगने लगा उन सभी भैंसों ने उस जिराफ को माफ कर दिया उस दिन से वह सभी आपस में अच्छे दोस्त बन गए अब वह जिराफ उन सभी भैंसों को भी वह हरी पत्ती तोड़ तोड़ कर खिलाने लगा
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सीख (The Lion And The Giraffe Story In Hindi – Moral)
- हमें कभी भी अपने ऊपर घमंड नहीं करना चाहिए क्योंकि यह वक्त बड़ा बलवान है यह कभी भी बदल सकता है आज यह तुम्हारे पासे में है तो कल किसी और के पासे में होगा इसीलिए हमें कभी भी घमंड नहीं करना चाहिए
- हम सभी को मिलजुल कर रहना चाहिए एक दूसरे की मदद करनी चाहिए कोई अगर मुसीबत में है तो उसकी मदद करो चाहे वह कैसा भी हो
Conclusion – निष्कर्ष
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको आप को घमंडी शेर और जिराफ की यह कहानी जरूर पसंद आई होगी The Giraffe And The Lion Story In Hindi को पसंद आती है तो अपने दोस्तों के साथ इसे जरूर शेयर करें और ताकि उन्हें भी कोई अच्छी सीख मिल सके
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अपना कीमती समय हमें देने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद
राधे कृष्णा