श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नमस्कार दोस्तों आज इस आर्टिकल में हम The Rabbit And His Friends Story In Hindi, खरगोश और उसके दोस्तों की हिंदी कहानी आपको दोस्ती के ऊपर एक छोटी सी स्टोरी बताने जा रहे हैं Khargosh Aur Uske Doston Ki Kahani कहने के लिए खरगोश के कई सारे मित्र थे पर क्या खरगोश की मुसीबत के वक्त यह सारे दोस्त उसके काम आएंगे जानने के लिए पढ़िए पूरा आर्टिकल हमारा
The Rabbit And His Friends Story In Hindi
दोस्तों एक बहुत ही सुंदर जंगल था जहां पर खरगोश रहा करता था और जंगल के जितने भी जानवर थे वे सभी खरगोश के मित्र थे उनके साथ वह खेलता बातें करता पूरा दिन उन्हीं के साथ बिताता था उसे लगता था कि मेरे मित्र मेरे हमेशा काम आएंगे और उसे अपनी मित्रता पर बहुत गर्व था |
और बहुत घमंड भी था अपनी दोस्ती को लेकर के और वह सोचता था कि मैं कितना खुश नसीब हूं कि जंगल के सभी प्राणी मेरे दोस्त हैं और मेरे साथ हैं मुझसे अच्छी किस्मत और किसकी हो सकती है जो मुझे इन सभी का साथ मिला |
एक दिन खरगोश खेलते खेलते बीच जंगल में झरने किनारे पहुंच जाता है उसे क्या पता था कि यहां पर उसके लिए मुसीबत आने वाली है वह जैसी ही पानी पीने के लिए निचे की और जाता है तो उसे सामने कुछ जंगली भेड़ियों का झुंड नजर आता है |
जो उसे देखकर आगे बढ़ते हैं उसे मारने के लिए खरगोश थोड़ा सा उन्हें देख कर डर जाता है और घबरा जाता है और मन में सोचता है कि मुझे घबराने की और डरने की क्या जरूरत है मेरे पास इतने सारे दोस्त हैं मैं किसी से भी बोलूंगा तो वह मेरी मदद जरूर करेंगे और इन जंगली भेड़ियों को यहां से भगा देंगे |
खरगोश अपनी जान बचाने के लिए आगे बढ़ता है तो कुछ दूरी पर उसे अपना दोस्त घोड़ा दिखाई देता है और वह घोड़े से कहता है कि यार मेरी मदद करो मुझे तुम्हारी जरूरत है अगर तुमने मेरी आज जान नहीं बचाई तो यह लोग मुझे मार देंगे |
घोड़े ने खरगोश को जवाब दिया कि यार मैं तुम्हारी आज मदद जरूर करता पर आज मेरे पास में बिल्कुल भी टाइम नहीं है मुझे मेरे मालिक को लेकर कहीं जाना है नहीं तो मैं तुम्हारी मदद जरूर करता इतना कहकर घोड़ा वहां से चला जाता है खरगोश अकेला रह जाता है
फिर खरगोश थोड़ा और आगे बढ़ता है तो उसे उसका दोस्त बेल पेड़ के नीचे घास खाते हुए दिखाई देता है और वह उसे देखकर बहुत खुश होता है और उम्मीद से जाता है उसके पास और कहता है कि बेल भाई मेरी मदद करो मेरी जान बचाओ वरना यह जंगली भेड़िए तुम्हारे दोस्त को मार देंगे |
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पर बेल उसे जवाब देता है कि यार मुझे मेरा मालिक यहां बांधकर गया है थोड़ी देर में वह आता ही होगा और मुझे कहीं लेकर जाएगा इसलिए मैं अभी नहीं आ सकता और ना मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं खरगोश कहता है कोई बात नहीं मैं किसी और से मदद मांगता हूं,
खरगोश थोड़ी दूर और आगे बढ़ता है और उसे अपनी बकरी बहन दिखाई देती है और अपनी बहन से कहता है कि बहना अच्छा हुआ तुम मुझे मिल गई यहां पर वरना यह जंगली भेड़िए मुझे मार देते आज तुम्हें अपने भाई की जान बचानी है,
और मैं तुमसे अपनी जान की भीख मांगता हूं क्या तुम मेरी आज मदद करोगी तो बकरी मन ही मन सोचती है कि यार मैं खरगोश की मदद कैसे करूं इसको मैं पीठ पर बिठाकर कैसे ले कर के जाऊंगी इससे बेहतर होगा कि मैं खुद ही अकेली भाग जाऊं इसका मैं बोझ झेल नहीं पाऊंगी और इतना कहकर बकरी खरगोश को छोड़कर चली जाती है खरगोश फिर अकेला रह जाता है,
खरगोश यह सोच रहा था कि अब यार मेरी मदद कौन करेगा मैं किस से मदद मांगू इतनी देर में उसे थोड़ी दूरी पर उसका सबसे अच्छा दोस्त हाथी नजर आता है और वह खुश हो जाता है और मन में सोचता है कि मेरा सबसे अच्छा दोस्त है यह मुझे कभी मना नहीं करेगा
जब उसके पास जाता है और कहता है कि हाथी भाई आज तुम्हें मेरी मदद करनी पड़ेगी क्योंकि यह जंगली भेड़िए तुम्हारे दोस्त को खा जाएंगे हाथी ने जंगली भेड़िए को देखा तो हाथी खुद डरने लगा और खरगोश से कहने लगा कि भाई मैं तेरे पचड़े में नहीं पड़ना चाहता तुम्हें अपनी जान खुद बचानी पड़ेगी
मैं तुम्हारी मदद नहीं कर पाऊंगा इतना कह कर हाथी वहां से रफूचक्कर हो जाता है वह इतने में खरगोश का पूरा का पूरा भरोसा टूट जाता है उसका दोस्ती पर से विश्वास उठ जाता है और उसे सब कुछ समझ में आने लगता है कि कोई किसी का नहीं होता यहां पर खुद की मदद खुद ही को करनी होगी कोई अपना साथ नहीं देगा
खरगोश बेचारा अकेला रह जाता है खरगोश को धीरे-धीरे समझ आ रहा था कि अपना कोई नहीं है अपनी जान बचानी है तो खुद ही आगे आना होगा और यही कॉन्फिडेंस उसे आगे प्रेरित करता है अपनी जान बचाने के लिए खरगोश उन भेड़ियों को देखकर वहां से बड़ी तेजी से भागने लगता है और भागते भागते एक झाड़ी के पीछे छुप जाता है और अपनी जान बचाता है
उस दिन खरगोश को बड़ा दुख हुआ और वह रोने लगा उसे आज अपनी दोस्ती पर जो गर्व था उस पर शर्मिंदगी महसूस हो रही थी कि यार मैंने कैसे दोस्त बनाए जो मेरे मुसीबत आने पर मेरा साथ छोड़ कर चले गए इससे अच्छा होता कि मैं इतने सारे दोस्त ना बनाता |
एक दोस्त ऐसा बनाता जो मेरे मुसीबत में मेरे काम तो आता आज से मैं कसम खाता हूं कि जो मेरे काम आएगा मैं उसी के साथ दोस्ती रखूंगा और ऐसे लोगों से मैं दोस्ती कभी नहीं करूंगा जो मेरे मुसीबत आने पर मेरा साथ छोड़ दे |
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सीख ( The Rabbit And His Friends Story In Hindi- Moral )
1 खुद पर भरोसा होता है तो इंसान कुछ भी कर सकता है अगर यह वह दूसरों पर भरोसा करेगा तो उसका भरोसा हमेशा टूटेगा वो कहते हैं ना कि दूसरों पर डिपेंड रहोगे तो आप कभी भी अपनी लाइफ में आगे नहीं बढ़ पाओगे आपको आगे बढ़ना है तो आपको सबसे पहले खुद पर भरोसा रखना सीखना होगा
2. वो कहते हैं ना दोस्तों जो दोस्त मुसीबत के वक्त आपका साथ देता है वही असली दोस्त कहलाता है इसलिए दोस्तों हजार दोस्त बनाने से बेहतर होगा कि आप एक ऐसा दोस्त बनाएं आपके ऊपर हजारों मुसीबत क्यों ना आ जाए पर वह आपका साथ कभी ना छोड़े
Conclusion – निष्कर्ष
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारा आर्टिकल खरगोश और उसके दोस्तों की कहानी the rabbit and his friends story बहुत पसंद आई होगी अगर आपको हमारा यह आर्टिकल खरगोश और उसके दोस्तों की कहानी पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करना |
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अपना कीमती समय हमें देने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद
राधे कृष्णा