श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नमस्कार मित्रों आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से गधा और धोबी की हिंदी कहानी Gadha Aur Dhobi Ki Kahani आपके साथ साझा करने जा रहे हैं इस कहानी में बताया जाएगा की सलाह किन से लेना चाहिए और किन से नहीं और सलाह का क्या असर आपकी लाइफ में देखने को मिलता है एक इस कहानी में एक गधा है
जो एक सुरीला गाना गाना चाहता है और एक मच्छर से सलाह मांगता है उसे बदले में सलाह क्या मिली होगी क्या गधा कभी सुरीला गाना गा पाएगा जानने के लिए पढ़िए पूरा आर्टिकल हमारा ( Gadha Aur Dhobi Ki Kahani, )
Gadha Aur Dhobi Ki Kahani
एक गांव में एक धोबी रहा करता था जो पूरे गांव के गंदे कपड़े धोता था और उसके पास में एक गधा था जो कि बहुत मेहनती था मेहनती होने की वजह से उसका मालिक यानी कि वह धोबी उस गधे का पूरा ख्याल रखता था उसे अपना बेटे जैसा रखता था
गधे के तबेले के पास में ही एक संगीतकार का घर था जहां पर पूरे दिन संगीत की क्लासेस चलती थी संगीत को सुनकर गधे के मन में ख्याल आता है कि यार 1 दिन में भी सुरीला गाना गाऊंगा और सबको गाना सुना कर दिखाऊंगा कि मैं भी किसी से कम नहीं हूं मेरी आवाज में भी दम है
कुछ दिनों के बाद 1 दिन रात के वक्त गधे को नींद नहीं आ रही थी जैसे तैसे वह आंख बंद करके सो रहा था तभी थोड़ी देर बाद मच्छर के गाने गुनगुनाने की आवाज उसे सुनाई देती है जब वह गधा आवाज सुनता है तो उसे बड़ी पसंद आती है
वह मच्छर की सुरीली आवाज में खो जाता है और मन ही मन सोचता है कि काश में भी मच्छर की तरह गाना गाना सीख लेता मेरी भी आवाज इतनी अच्छी होती सुरीली होती तो मेरा मालिक भी मुझसे कितना खुश होता मुझे कितना ज्यादा प्यार करता
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गधा मायूस हो जाता है और सोचने लगता है गधे की हालत देखकर मच्छर गधे के पास आता है और उससे कहता है कि गधे भाई तुम्हें क्या हुआ है तो गधा अपना दुखड़ा उसके सामने रोता है और मच्छर से कहता है
कि मेरी भी दिली तमन्ना थी कि मैं भी सभी को अपनी सुरीली आवाज से अपने गाने पर नाचने पर झूमने पर मजबूर कर दूं और उन सभी लोगों से मैं प्यार बटोर सकूं मैं भी अपना सुरीला गाना गाने वाला बनना चाहता था
अब उस मच्छर ने गधे से कहा कि गधे भाई तुम भी गाना गा सकते हो इसमें कोई बड़ी बात नहीं है एक बार ट्राई करके देखो गधे ने मच्छर की बात मान ली और गाना गाना शुरू कर दिया गधे ने अपनी ही आवाज सुनी तो उसे पसंद नहीं आई
और कहने लगा कि मेरी आवाज कितनी बेसुरी है मेरी आवाज कौन सुनेगा मेरी आवाज अच्छी नहीं है और इतना कह कर वो फिर से उदास हो गया उदास होकर बैठ गया ( Gadha Aur Dhobi Ki Kahani, )
तब उस मच्छर ने उससे फिर कहा अरे गधे भाई अगर तुम्हें अपनी आवाज को मधुर और सुरीली बनाना है तो तुम्हें मेरी तरह रोज पानी पीना होगा आप आप जितना ज्यादा पानी पियोगे आपकी आवाज इतनी मधुर और सुरीली होती चली जाएगी मच्छर की यह बात सुनकर गधा खुश हो गया और अगले दिन से खाना खाना उसने बंद कर दिया बस उसने दिनभर पानी पीना शुरू कर दिया
वक्त बिता दो से 4 दिन हो चुके थे गधा बिल्कुल भी खाना नहीं खा रहा था मालिक ने भी उस पर ठीक से ध्यान नहीं दिया कि गधा चारा खा रहा है या नहीं खा रहा है 1 दिन मालिक ने उसे खाना दिया और कुछ देर के बाद आकर देखा तो खाना जैसे कि जैसा उसे मिला फिर मालिक ने गधे को ठीक से देखा तो वह कमजोर नजर आ रहा था
धोबी को लगा कि शायद इसकी तबीयत ठीक नहीं है इस वजह से यह खाना नहीं खा पा रहा है धोबी उसे एक वेद के पास ले जाता है वेद उस गधे को देखकर कुछ दवाइयां देता है और धोबी से कहता है कि इसे टाइम टू टाइम दवाइयां देते रहना और एक हफ्ते बाद मुझे फिर से बताना कि गधे ने दवाइयां पूरी खत्म की या नहीं की धोबी और गधा वापस अपने घर आ जाते हैं ( Gadha Aur Dhobi Ki Kahani, )
सुबह होते ही धोबी ने अपने गधे को दवाई देना शुरू की कुछ दिन बीतने के बाद में धोबी ने फिर देखा कि उस गधे पर दवाइयों का कोई असर नहीं हो रहा था क्योंकि गधा बिल्कुल खाना खाई नहीं रहा था और दिन पर दिन वह गधा कमजोर और पतला होते जा रहा था
गधे को देख कर धोबी बड़ा चिंतित हो गया उसने सोचा कि ऐसा क्या हो गया है मेरे गधे को कि वह खाना तक नहीं खा रहा है ऐसी किसकी बुरी नजर लग गई है मेरे गधे को जिसकी वजह से उसकी ऐसी हालत हो गई है
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गधे का हाल पास में ही बंधे पड़ोसी के अस्तबल में घोड़ा सब कुछ देख रहा था उस घोड़े ने उस गधे को समझाते हुए कहा कि गधे भाई अगर आप मेरी बात ध्यान से सुनो तो मैं आप को पूरा माजरा समझाता हु ( Gadha Aur Dhobi Ki Kahani, )
मैं दौड़ने में नंबर वन हूं मेरी कोई बराबरी नहीं कर सकता मैं इस काम में माहिर हूं यह बात आप भी अच्छे से जानते हैं यदि आप मेरी तरह तेज दौड़ना चाहते हो और नंबर वन पोजीशन पर आना चाहते हो तो आप कभी नहीं आ सकते उसी तरह आप उस मच्छर की तरह गाना चाहते हो तो आप कभी नहीं गा सकते
क्योंकि वह उस काम में माहिर है उसके काम को आप सम्मान दीजिए उसे समझिए पर आप उसकी कभी नकल मत कीजिए क्योंकि हर इंसान में अपना 1 गुण होता है
यदि मैं तुम्हारी तरह इतना सारा बुझा लेकर चलु उठाने की कोशिश करूं फिर भी मैं उठा नहीं सकता क्योंकि तुम इस काम में माहिर हो और इसकी वजह से तुम्हारा मालिक तुम्हें खूब प्यार करता है और खूब सारा ख्याल भी रखता है समझ रहे हो ना
हर किसी में अपने गुण होते हैं आप हर किसी की तरह कभी नहीं बन सकते ना कभी आप किसी से अपनी तुलना कीजिए आप जैसे हो वैसे ही रहिए आप किसी की नकल मत कीजिए आपने नकल करने की कोशिश की तभी तो आप की हालत ऐसी हो गई मुझे तो तरस आता है आपकी हालत को देखकर
घोड़े की बात से गधा बहुत प्रभावित हुआ और उसने अपना सुरीला गाने गाने वाला सपना छोड़ दिया और अगले ही दिन से वह अच्छे से खाना खाने लगा धोबी ने अपने गधे को चारा खाते हुए देखकर बहुत खुश हुआ और उसे लगा कि हकीम की दवा काम कर गई और धोबी उसे और अच्छे से खाना खिलाने लगा और उसके लिए खूब सारा चारा भी लेकर आया ताकि वह ठीक से खा सके और पहले की तरह तंदुरुस्त और हेल्दी हो सके ( Gadha Aur Dhobi Ki Kahani, )
सीख (Gadha Aur Dhobi Story In Hindi Moral)
- दूसरों की काम की नकल करने से बचें अपने अंदर के टैलेंट को अपने हुनर को पहचानो उसकी कदर करो किसी के जैसा मत बनो आप अपने जैसा बनो आपके अंदर क्या है उसे पहचानो फिर उसका सम्मान करें
- नकल करने में भी अकल की जरूरत होती है और उस अक्ल का इस्तेमाल अपने गुण को पहचानने में लगाओ ना कि उसे किसी और के जैसा बनने में लगाओ
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Conclusion – निष्कर्ष
दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारा यह आर्टिकल गधा और धोबी की हिंदी कहानी Gadha Aur Dhobi Ki Kahani जरूर पसंद आई होगी यदि आपको हमारी स्टोरी पसंद आई है तो इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें ताकि उन्हें भी अपने गुण की पहचान हो सके और वे लोग भी कभी किसी को देखकर नकल ना करें
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अपना कीमती समय हमें देने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद
राधे कृष्णा