एक गरीब राजा की कहानी | Ek Garib Raja Ki Kahani 

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं नमस्कार बंधुओं  आज हम ले कर आए हैं एक गरीब राजा की कहानी Ek Garib Raja Ki Kahani  इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आप के साथ सांझा कर रहे हैं जो एक नेक और ईमानदार राजा होता है जो अपना सब कुछ गवाने के बाद भी अपने गांव वालों के हित में अपना कार्य कर रहा होता है आईए जानते हैं एक गरीब राजा की कहानी, Ek Garib Raja Ki Kahani, Gareeb Raja Ki Kahani Story , Poor King Story In Hindi

 Ek Garib Raja Ki Kahani 

एक गरीब राजा की कहानी Ek Garib Raja Ki Kahani 

राजा तो बहुत से देखे होंगे पर नेक दिल और सच्चा ईमानदार अपने सैनिकों के लिए कुछ कर के गुजर जाने का हिम्मत साहस रखना यह हर राजा के अंदर नहीं होता है दूसरे राजाओं के अंदर  तो अपनी दौलत शोहरत  पैसे का घुमान होता है,

एक राज्य ऐसा भी था जहां पर एक गरीब राजा रहा करता था कुछ सालों पहले पड़ोसी राज्य से बुरी तरह से युद्ध हारने के बाद उसने अपना सब कुछ गवा दिया उस की दौलत शोहरत सब पर पडोसी राज्य के राजा ने कब्जा कर लिया पर  अपना सब कुछ गंवाने के बाद भी उस राजा ने कभी हिम्मत नहीं हारी,

वह फिर भी नेक बंदा था नगर में यदि कुछ भी परेशानियां आ जाएं तो सारे लोग उस राजा के पास जाया करते थे और अपनी समस्या बताया करते थे राजा भी उन सभी की समस्याओं को बड़ी गंभीरता से सुनता और समझता उसके बाद कुछ टिप्पणी करता,

राजा बहुत ही समझदार था और नेक दिल का इंसान होने के कारण सारे गांव वाले लोग उससे बहुत प्यार करते थे राजा को बस अपने अंदर हमेशा एक ही चीज का खनन रहता था कि वह अपने गांव वालों के लिए अपनी सेना के लिए ज्यादा कुछ कर ना सका और इसी बात का दुख उसे अंदर ही अंदर खाए जा रहा था,

लंबे अरसे के बाद राजा अपने गांव में भ्रमण करने के लिए निकला कि अपने गांव वालों का हाल-चाल जान सके तभी उसे दूर से आते हुए एक साधु दिखाई पड़ता है वह साधु से पूछता है कि गुरुजन क्या हुआ है बड़े परेशान नजर आते हो, 

उस साधु ने कहा कि राजा साहब मैं काफी लंबा सफर करके आया हूं और अब मुझे बड़ी तेजी से भूख लग रही है यदि आप मुझे कुछ खाने को देंगे तो आपका बड़ा  उपकार होगा राजा साधु को अपने महल लेकर आता है और उसे भरपेट खाना खिलाता है, 

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एक गरीब राजा की कहानी Ek Garib Raja Ki Kahani 

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साधु ने खाना खाने के बाद राजा से पूछा आप इतने मुझे दुखी परेशान नजर क्यों आते हो आप तो बड़े नेक दिल के इंसान हो आपके किससे मैंने सुने हैं और साधु को राजा का स्वभाव काफी पसंद आता है तभी राजा साधु से कहता है गुरु जन मैंने मेरे जीवन काल में जो कुछ भी प्राप्त किया है,  

वह अपनी प्रजा की वजह से प्राप्त किया है और आज मैं दुखी इसीलिए हूं क्योंकि मेरे पास इतना कुछ भी नहीं बचा कि मैं उन सभी के लिए लिए कुछ कर  पाऊं उन्हें अच्छा जीवन दे सकूं इस गांव को अच्छा बना सकूं इसीलिए मैं दुखी और परेशान रहता हूं,

साधु ने महाराज राजा से पूछा कि मैं आपसे एक प्रश्न पूछ सकता हूं राजा ने कहा अवश्य गुरुजी  साधु ने कहा कि आपका पूरा गांव आपके सारे सैनिक आपसे इतना प्रेम क्यों करते हैं तब राजा कहता है मेरे व्यवहार मेरे स्वभाव की वजह से तभी साधु कहता है कि यही तो आप की सबसे बड़ी धन-संपत्ति है, 

जो गांव वालों के दिलों में आपकी एक अलग जगह बनाती है आप इतने नेक दिल इंसान हो आपका मन इतना कोमल है इससे बड़ा धन दौलत आपके लिए और क्या होगा यह धन दौलत हर किसी राजा के अंदर देखने को नहीं मिलता साधु की यह बात सुनकर राजा बड़ा प्रसन्न हुआ,

इसलिए आपके पास कुछ भी ना होकर भी लोग आपसे जुड़े हैं लोग आपके पास अपनी समस्या लेकर आते हैं ताकि आप उनकी समस्याओं को समझ सके और उनका समाधान निकाल सके आपके अंदर जो इंसानियत की भावना है वही आपको सबसे बड़ा धनवान बनाती है,

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आपकी प्रजा को गांववालों को आप की धन दौलत से मतलब नहीं है उन्हें तो बस आपका स्नेह प्यार आपका दिल और आप एक नेक इंसान हो यही उनके लिए काफी है और यही उनकी सबसे बड़ी धन दौलत है क्योंकि आप जो भी न्याय करोगे सबके हित में ही करोगे, 

साधु की बात से राजा थोड़ा सा चिंतन हुआ और थोड़ी देर सोचने के बाद उसने सोचा कि मैं बेवजह यूं ही परेशान हो रहा था मैं यूं ही दुखी हो रहा था मैं यूं ही समस्या को बढ़ा रहा था हालांकि  मेरी असली दौलत तो गांव वालों के अंदर ही छुपी है

 राजा ने उस दिन प्रतिज्ञा ली और कहा कि आज से मैं परेशान नहीं रहूंगा मैं दुखी नहीं रहूंगा मेरे पास जो भी है जितना भी है मैं उसी में खुश रह लूंगा क्योंकि मेरी असली खुशी का राज तो मेरे अपने ही लोग हैं और इसी तरह में अपनी प्रजा का और अपने गांव वालों की यूं ही मदद करता रहूंगा

एक गरीब राजा की कहानी Ek Garib Raja Ki Kahani 

 

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सीख ( एक गरीब राजा की कहानी  – Moral )

गरीब राजा का नेक दिल और उसकी इमानदारी से हमें यह सीखने को मिलता है कि हमारे पास जितना भी धन दौलत हो या फिर ना हो हमें उसी में खुश रहना चाहिए और अपने जीवन को खुशहाल तरीके से यापन करना चाहिए  जो है जितना है उसी में हमें संतुष्ट रहना चाहिए 

 

Conclusion – निष्कर्ष

दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह कहानी Ek Garib Raja Ki Kahani  गरीब राजा की कहानी जरूर पसंद आई होगी यदि आपको पसंद आई हो तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें ताकि वह लोग भी इस कहानी से कुछ शिक्षा ग्रहण कर सकें

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राधे कृष्ण

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