चालाक लोमड़ी और एक मूर्ख बकरी की कहानी | Lomadi Aur Bakri Ki Kahani 

श्री शिवाय नमस्तुभ्यं  नमस्कार बंधुओं आज हम आपके लिए लेकर आए हैं चालक लोमड़ी और बकरी की कहानी इस आर्टिकल के माध्यम से आज हम आपके साथ अपनी स्टोरी सांझा करने जा रहे हैं Lomadi Aur Bakri Ki Kahani (  Fox And Goat Story In Hindi

कुएं में गिरी लोमड़ी को बचाने के चक्कर में बकरी ख़ुद कुएं में गिर जाती है क्या बकरी उस कुएं से बाहर आ पाएगी जानने के लिए पढ़िए पूरा आर्टिकल हमारा Clever Fox And Foolish Goat Story In Hindi

चालाक लोमड़ी और मूर्ख बकरी की कहानी Lomadi Aur Bakri Ki Kahani

चालाक लोमड़ी और मूर्ख बकरी की कहानी Lomadi Aur Bakri Ki Kahani

एक लोमड़ी जंगल में खाना खाने के बाद पानी पीने के लिए पानी ढूंढती है काफी टाइम हो जाता है उसे पानी कहीं नजर नहीं आता है एक जगह उसे कुएं में पानी दिखाई देता है  और ना ही कुए के आस-पास कोई दीवारे थी वह कुआ एक दम ओपन था,

इस वजह से लोमड़ी कुएं में झांकती है पानी को देखने के लिए और लोमड़ी को अपनी ही परछाई उस पानी में नजर आती है अपनी परछाई देखने के चक्कर में लोमड़ी का संतुलन बिगड़ जाता है और लोमड़ी छपाक से कुएं में गिर जाती है,

कुएं का पानी ज्यादा तो नहीं था पर हां उस कुएं में इतना पानी था कि जंगल के बाकी जानवर उस कुए का पानी पी सकते थे और अपनी प्यास बुझा सकते थे कुए के अंदर लोमड़ी बहुत कोशिश कर रही थी, 

बाहर आने की पर उसे कोई जरिया नहीं मिल रहा था कि वह कैसे बाहर आए उसने बहुत हाथ पैर चलाएं बहुत मेहनत की बाहर निकल ने की पर उस के तमाम कोशिश करने के बाद भी उसे सफलता हाथ नहीं लगी थक हारकर वापस वही बैठ जाति है,

फिर थोड़ी देर के बाद वह वापस से बाहर निकलने का प्रयास करती है समझ नहीं आ रहा था कि वह कैसे बाहर निकले इसलिए वह जोर-जोर से चिल्लाने लगती है उसकी आवाज सुनकर कुछ ही दूरी पर एक बकरी घास  चर रही होती है,

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चालाक लोमड़ी और मूर्ख बकरी की कहानी Lomadi Aur Bakri Ki Kahani

NATIVE ASYNC

बकरी को कुएं में से किसी की आवाज सुनाई देती है वह सोचती है कि कुएं में कुछ तो गड़बड़ है और वह जानने के लिए उस कुएं के पास जाती है और वहां लोमड़ी को बैठे देखती है बकरी लोमड़ी से हैरान हो कर पूछती है अरे लोमड़ी बहन तुम इस कुए में क्यों बैठी हो 

बकरी को वहां देख कर लोमड़ी के दिमाग में एक तरकीब सूझती हैं  और बकरी के पूछे जाने पर लोमड़ी जवाब देती है क्यों कि लोमड़ी तो ठहरी चालक वह तो अपना दिमाग लगाएगी ना ,

वह बकरी से कहती है अरे बकरी बहन क्या तुम्हें पता नहीं है कि कुछ ही महीनों में हमारा जंगल पूरा सूखने वाला है यहां पर पानी की किल्लत होने वाली है सारी नदियां तालाब  सब सूखने वाले हैं सब पानी के लिए तरस जाएंगे पानी के  लिए मरने लगेंगे ,

इसलिए मैं इस कुएं में पानी में आकर बैठ गई हूं कम से कम में प्यासी तो नहीं मरूंगी तो फिर बकरी से कहती है कि बकरी बहन तुम भी क्यों नहीं आ जाती हो हम दोनों मिलकर बैठेंगे  और खूब गप्पे लड़ा एंगे

 बकरी ठहरी मासूम और वह चालक लोमड़ी की बातों में आ जाती है बकरी सोचती है कि हां यह लोमड़ी बहन सच बोल रही है पानी पीने के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता है बहुत दूर दूर तक जाना पड़ता है क्यों ना मैं भी कुएं में जाकर बैठ जाती हूं ,

अगर बाकी के जानवरों को पता चला तो वह शायद मुझे पानी तक पीने नहीं देंगे और पहले जाने में ही अपनी भलाई है तो क्यों ना मैं जाऊं और बकरी कुएं में कूद जाति है ,

 लोमड़ी यही फिराक में बैठी थी कि कब यह बकरी कुएं में कूदे और कब मैं इसकी पीठ पर पाऊं रखूं और बाहर निकलो  फिर जैसे ही बकरी कुए में कूदती है चालाक लोमड़ी उसके ऊपर पांव रखकर कुए से बाहर निकल जाती है मासूम बकरी का चालक लोमड़ी फायदा उठा लेती है, 

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चालाक लोमड़ी और मूर्ख बकरी की कहानी Lomadi Aur Bakri Ki Kahani

बकरी को जब तक कुछ समझ में आता या वह लोमड़ी से कुछ कहती तब तक तो बहुत देर हो चुकी थी बाहर निकलकर लोमड़ी कहती है अरे बकरी बहन तुम सच में बहुत मूर्ख हो इसीलिए आज तुम कुएं में पढ़ी हो किसी कि भी बातों में तुम यूंही आ जाती हो  तुम्हें मुर्ख बनाना कितना आसान है और बकरी बेचारी उसे देखते रह जाती है,

लोमड़ी कहती है बहन तुम इस कुएं में अब आराम करो इतना कह कर लोमड़ी जंगल की ओर भाग जाती है बेचारी बकरी कुआं में रह जाती है और सोचती है कि मैंने इस पर भरोसा क्यों किया उसे अपने फैसले पर शर्मिंदगी  महसूस होने लगती है अब वह किसी के आने का इंतजार करती है कि कोई आएगा उसे बाहर निकालेगा ,

सीख ( Moral Of चालाक लोमड़ी और एक मूर्ख बकरी की कहानी )

कभी किसी की बातों में ना आए बिना सोचे समझे कभी कोई फैसला ना ले और कभी भी किसी पर तुरंत ही विश्वास ना करें उसे जानने के लिए थोड़ा सा समय ले ठहर कर सोच-समझकर फैसला लें

 ( Lomadi Aur Bakri Ki Kahani  ) – FAQ 

1 . लोमड़ी और बकरी की कहानी का सारांश क्या है?

बिना सोचे समझे कभी कोई काम ना करें और ना ही कभी किसी पर तुरंत भरोसा करें अब नैतिक शिक्षा वाली इस कहानी में बिचारी बकरी कितनी मासूम होती है वह तुरंत चालाक लोमड़ी पर भरोसा कर लेती है और खुद उस कुए में जा गिरती है,

2 . लोमड़ी ने बकरी को फंसाने के लिए उसे क्या कहा?

चालाक लोमड़ी ने एक तरकीब निकाली और सोचा कि मैं इस बकरी को कुएं में गिरा देती हूं और इस की पीठ पर पांव रखकर मैं बाहर निकल जाती हैं और उसने मासूम बकरी को अपनी बातों में उलझाया और उसे अपनी और आकर्षित कर के वह खुद कुए से बाहर निकल गई और उसे कुआं में ही छोड़ दिया ,

3 . जीवन में चालाक लोमड़ी से बचें ?

जीवन में आप को ऐसे न जाने कितने लोग मिलेंगे जो आप की मासूमियत का फ़ायदा उठाने के लिए बैठे होंगे वह तो मूर्ख बना कर अपना फायदा अपना काम निकाल लेंगे पर आप फंसे रह जाओगे तो आपको अवेयर  रहना है कहावत तो यही है ना कि चालक लोमड़ी चूना लगाकर फरार होगी

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Conclusion – निष्कर्ष

दोस्तों हम आशा करते हैं कि आपको हमारी यह कहानी चालाक लोमड़ी और मूर्ख बकरी की कहानी जरूर पसंद आई होगी यदि आपको हमारी यह कहानी पसंद आती है तो आप उसे अपने दोस्तों के साथ शेयर जरूर करें  ताकि वह लोग भी इस कहानी से कुछ सीख ले और मूर्ख होने से बचे

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 अपना कीमती समय हमें देने के लिए आप सभी का तहे दिल से धन्यवाद 

 राधे कृष्णा 

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